पेट का शुल दर्द Colic Pain
पेट का शुल दर्द Colic Pain |
आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताऊँगा। यदि आपके पेट में शुल दर्द होता है तो। इससे आप छुटकारा कैसे पा सकते हो ? वह भी आयुर्वेदिक दवाइयों के माध्यम से। तो चलिए शुरू करते हैं।
- हमारे समाज में अंधविश्वास गरीब, निर्धन और समर्थवान वर्गों को ईश्वर की बनाई गई व्यवस्था एवं प्राकृतिक वनस्पति सम्पदा पर विश्वास नहीं है।
- इन्हीं के जिया बाई अविश्वास के कारण बैध, नीम, हाकिमों का वर्चस्व पूर्ण तरह से समाप्त हो गया है। इस कार्य हेतु स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय, नीम हकीम वैध को मान्यता नहीं देती है।
- इस संदर्भ में सरकार का योगदान प्राप्त नहीं होता है। हजारों वर्ष पूर्ण रामायण शिवपुराण महाभारत काल युग में प्राकृतिक वनस्पति रस, कांढा, भस्म, तेल, इत्यादि वनस्पति से दवाईयां नुक्से मानव प्राणी के लिए रक्षक थे।
- उस युग में प्राकृतिक वन संपदा, जड़ी बूटी से मृतासन पड़ा युवा मात्र वनस्पति के रस मात्र से सुधाना और कांढा भस्म शहद के साथ देने पर।
- इंजेक्शन की तरह काम करता था। दवा का उपयोग करते ही। पीड़ित व्यक्ति को तुरंत आराम प्राप्त होता है।
- इस प्रकार आज के युवा एवं युवतियों को शुल पेट का दर्द बढ़ा ही कष्टदायी है।एवं तड़पता है।
- दर्द के मारे रोता है और चिल्लाता है। उसकी दर्द को देखकर सामने वाला व्यक्ति भी स्वयं को पीड़ित महसूस करता है।
- मेरे द्वारा शुल पेट दर्द का पीड़ित महिला युवा पुरुषों को बताया जा रहा है। आप घर बैठे कैसे पेट दर्द से मुक्त हो सकते है।
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चलिए मैं आपको स्टेप बाय स्टेप बताता हू।
- एक अदरक की घाट लें। 10 से 15 ग्राम तक।
- उस घाट को आग से अच्छी तरह भूनकर रख ले।
- उसमे उसी बराबर शहद या गुड पुराना या नया लेकर उसे बारीक पीस ले।
- इन सभी का अच्छी तरह मिश्रण कर ले।
- जब भी आप का पेट दर्द हो रहा हो तो जो दवाई आपने बनाई है। उसको चाटे कुछ समय के बाद दर्द खतम हो जायेगा
- 1 मिनट से लेकर 3 मिनट तक 3 मिनट के बाद दर्द बंद होकर शूल पेट दर्द मे आराम होगा।
- इसी प्रकार 3 दिन बराबर तीन वक्त सुबह, दोपहर, रात्रि में बराबर नित्य खाएं।
कुछ बातें ऐसी होती हैं जो परहेज कराने लायक होती है। आपको ध्यान रखना चाहिए। की जब भी आपको कोई दर्द हो। शरीर से संबंधित या कोई बिमारी? तो उससे संबंधित हमें।
उन विषयों पर हमे ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसलिए परहेज करना आवश्यक है।
- तो इसमें भी आपको परहेज करने की जरूरत है। मैं आपको बता देता हूँ। की आपको क्या परहेज करना है।
- मंसूर दाल।
- फूल गोभी।
- पत्ता गोभी।
- बैगन।
- बेसन।
- आलू।
इन सभी सब्जियों। दाल को आपको खाना नहीं चाहिए। यदि आप इसका सेवन करेंगे तो आपको फिर से पेड़ दर्द होगा। इसलिए परहेज करें। जब तक पेट ठीक न हो जाए।
स्वास्थ्य ठीक होने पर महादेव की त्रिशूल का दर्शन करें। क्षमा याचना करें, ये मेरे द्वारा प्रैक्टिकल सत्य है।
बैधाचार्य – देवलाल पट्टे
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